संयम एवं अनुशासन से जीत सकते है जंग ,कोरोना से लड़ाई मुश्किल मगर नामुमकिन नहीं

-डाॅ. जगदीश गाँधी, शिक्षाविद् एवं
संस्थापक-प्रबन्धक, सिटी मोन्टेसरी स्कूल, लखनऊ

        आज  हम कोरोना रूपी मानव इतिहास की सबसे बड़ी त्रासदी एवं महासंकट के गवाह बन रहे हैं और इस विकराल संकट से लड़ रहे हैं। सिर्फ शांतिपूर्ण सहअस्तित्व, संयम और सहयोग से ही कोरोना मुक्ति की उम्मीदों को साकार किया जा सकता है।कोरोना वायरस के संक्रमण से जूझती दुनिया कितने गंभीर संकट से दो-चार है, इसका पता इससे चल रहा कि शायद ही कोई देश ऐसा हो जो इस वायरस की चपेट में आने से बचा हो। इसके पहले ऐसे किसी संकट का स्मरण करना कठिन है जिसने पूरी दुनिया को इतने व्यापक रूप में अपनी आगोश में लेकर भयभीत और आशंकित किया हो। चूंकि कोरोना संकट ने पूरे विश्व को अपनी चपेट में ले लिया है हम अपनी संस्कृति एवं विरासत को जीवंत करके कोरोना से अधिक सशक्त तरीके से लड़ सकते हैं। समय के साथ परिस्थितियां और चुनौतियां बदल जाती हैं, पर सिद्धांत कभी नहीं बदलते। संयम एवं अनुशासन हर समस्या का समाधान रहे हैं और कोरोना को परास्त करने का भी यही एक  उपाय है। सामाजिक दूरी,इसोलेशन, व एकांत कोरोना को हराने का  सशक्त हथियार है हमें  दिनचर्या के बदलावों को लेकर खुद में बड़े परिवर्तनों को स्वीकार करना होगा ये परिवर्तन जितने सहज होंगे, उतना ही जल्दी हम कोरोना को हरा पायेंगे और  हमारा जीवन भी सहज एवं सरल होगा। यदि हम इन परिवर्तनों को आरोपित समझेंगे या इन्हें स्वीकार नहीं करेंगे,तो इसके भयानक परिणाम होंगे कोरोना के इस संकटकालीन दौर में कोरोना को लेकर मन को तनाव देने की बजाय मन को समझाओ-बुझाओ, प्रशिक्षित एवं प्रेरित करो, उसे तैयार करो। जीवन का अन्तर्मार्ग अज्ञात है किन्तु अप्राप्य नहीं। ज्ञात से अज्ञात में उड़ान भरने से डर जरूर लगेगा, पर जिसने आगे बढ़ने का संकल्प ले लिया, वह अपने प्रयास को प्रमाद की सीढ़ियों पर नहीं बैठने देगा। जिन्दगी किसी के लिये भी आसान नहीं होती, कोरोना से मुक्ति भी आसान नहीं है, पर उससे क्या फर्क पड़ता है? हममें दृढ़ता, हौसला और अपने पर भरोसा होना चाहिए। जीवन में कुछ भी डरने जैसा नहीं है, इसे सिर्फ समझा जाना बाकी है। जीवन एक संघर्ष है। कोरोना से जुड़ी चुनौतियां तो आयेंगी, उनसे सहम कर जो हिम्मत हार जायेंगे, सफलता उनसे दूर भाग जायेगी।

         जब रोग भयंकर होता है तो उसकी दवा भी अधिक कड़वी होती है, इसीलिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अब तक के दुनिया के कोरोना वायरस के परिदृश्यों का सूक्ष्म अध्ययन के बाद जो निष्कर्ष निकाला वह संयम ही है, यानी निज पर शासन फिर कोरोना पर अनुशासन- नियंत्रण। दुनिया का हर इनसान विशेषतः भारत का गम्भीरता से इस प्रश्न पर विचार कर अपने अन्तर की आवाज को सुने, संयम बरते, अनुशासित हो, सरकार एवं प्रशासन के निर्देशों का पालन करते हुए कोरोना यानी कोई रोड़ पर ना आए का पालन करते हुए घरों में ही रहे तो जल्दी ही हम इस महामारी से भारत के लोगों को बचा पाएंगे और इसे अनियंत्रित होने से रोक पाएंगे। ऐसा होने से ही यह त्रासदी भावी मानव जाति के लिए अभिशाप नहीं वरदान बन पाएगी। हम अपने आप पर नियंत्रण रख कर दुनिया को बचा सकते है अक्सर देखा जाता है की लोग अपना धैर्य खो देते हैं लेकिन ये धीरज खोने का समय नहीं है। हमारी थोड़ी सतर्कता और समझ-बूझ बड़े संकट को टाल सकती है यह जंग हम सिर्फ और सिर्फ संयम एवं अनुशासन से जीत सकते है हमारे जीवन मे अनुशासनएक ऐसा गुण है, जिसकी आवश्‍यकता मानव जीवन में पग-पग पर पड़ती है। इसका प्रारम्‍भ जीवन में बचपन से ही होना चाहिये ओर यही से ही मानव के चरित्र का निर्माण हो सकता है। अनुशासन शब्द तीन शब्दों से मिलकर बना है अनु, शास्, अन,। विशेष रूप से अपने ऊपर शासन करना तथा शासन के अनुसार अपने जीवन को चलाना ही अनुशासन है। अनुशासन ही मनुष्य को एक अच्छा व्यक्ति व एक आदर्श नागरिक बनाता है।
       इसलिए देश को कोरोना वायरस के संक्रमण से और खुद को व अन्य सभी लोगों को बचाने के लिए आराम से घर में रहकर भीड़भाड़ से बचाव ही इसका एक मात्र सबसे कारगर उपचार है,कोरोना वायरस के संक्रमण की वैश्विक महामारी के चलते जिस तरह से आज पूरी मानव जाति पर जीवन और मृत्यु का गंभीर संकट खड़ा हो गया है। वह स्थिति विचारणीय है, उस समय हम सभी देशवासियों की यह जिम्मेदारी है कि हम पूरी सुरक्षा, गंभीरता, योग्यता और क्षमता के साथ इस चुनौती का डटकर सामना करें और खुद का बचाव करके अपने आसपास के लोगों को वायरस के संक्रमण से बचाएं। सभी देशवासियों को संकल्प लेना होगा कि हम पूर्ण सावधानी, सुरक्षा, संकल्प व संयम के साथ अपने घरों में रहकर लॉकडाउन व सरकार की एडवाईजरी का सही ढंग से पालन करके कोरोना वायरस के संक्रमण को देश में फैलाने से रोकने में सरकार की हर संभव मदद करनी चाहिए घबराएं नहीं बल्कि नियमों का पालन करके कोरोना वायरस के संक्रमण से जंग लड़कर के उसको जल्द से जल्द देश से भगाएं और देश व सभी देशवासियों को स्वस्थ व खुशहाल बनाएं,जो की संयम एवं अनुशासन से ही संभव है 

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